इस भागती हुई जिंदगी मे
हम जीना भूल चुके हैं ||
इतना कुछ पाना चाहते हैं
के धीरे चलना भूल चुके हैं ||
हर वक्त माथे पे शिकन है
हर समय कुछ काम ||
हर मंजिल को खुशियाँ बाँट चुके हैं
मुस्कराहट बची हैं कुछ चार ||
पहले निहारते थे सुबह शाम कोअब उनसे मिलने के लिए होश गवाना पड़ता है ||
पढ़ते थे किताबें शौख से
अब उसे भी कर्त्तव्य की तरह निभाना पड़ता है ||
जीत हार मे कट रही है जिंदगीजीना तो बहुत पहले भूल चुके हैं ||
कुछ पल बचें हैं मासूमियत केप्यार करना तो बहुत पहले भूल चुके हैं ||
हम जीना भूल चुके हैं ||
इतना कुछ पाना चाहते हैं
के धीरे चलना भूल चुके हैं ||
हर वक्त माथे पे शिकन है
हर समय कुछ काम ||
हर मंजिल को खुशियाँ बाँट चुके हैं
मुस्कराहट बची हैं कुछ चार ||
पहले निहारते थे सुबह शाम कोअब उनसे मिलने के लिए होश गवाना पड़ता है ||
पढ़ते थे किताबें शौख से
अब उसे भी कर्त्तव्य की तरह निभाना पड़ता है ||
जीत हार मे कट रही है जिंदगीजीना तो बहुत पहले भूल चुके हैं ||
कुछ पल बचें हैं मासूमियत केप्यार करना तो बहुत पहले भूल चुके हैं ||