पहाड़ो और हवाओं मैं बैठकर
सूरज को प्रणाम करून
पीछे और आगे की जिंदगी भूलकर
बस इस पल मैं मुस्कुराहूँ
यह सपना है या हकीकत
जो भी है आज इसमें गुम हो गयी हूँ
मुस्कुराह रही हूँ बर्फ की चादर देख कर
मन से सब कुछ बदल जायेगा
अब इससे जद जिंदगी मई जोश आएगा
उम्र के साथ मेरा होसला भी बढ़ जायेगा
यह वादियां इतनी प्यारी है
अब इनपर से दिल नहीं जायेगा
कितना भी टूट जाऊं
जीवन फिर से संभल ही जाएगा
सूरज को प्रणाम करून
पीछे और आगे की जिंदगी भूलकर
बस इस पल मैं मुस्कुराहूँ
यह सपना है या हकीकत
जो भी है आज इसमें गुम हो गयी हूँ
मुस्कुराह रही हूँ बर्फ की चादर देख कर
मन से सब कुछ बदल जायेगा
अब इससे जद जिंदगी मई जोश आएगा
उम्र के साथ मेरा होसला भी बढ़ जायेगा
यह वादियां इतनी प्यारी है
अब इनपर से दिल नहीं जायेगा
कितना भी टूट जाऊं
जीवन फिर से संभल ही जाएगा